भोपाल।
दिसंबर में एमपी विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरु होने जा रहा है। इसके पहले कमलनाथ सरकार ने बड़ा फैसला किया गया है।सरकार ने विधायकों का ड्रेस कोड लागू किया है, जिसके तहत सत्र के किसी भी एक दिन सभी विधायकों को एक जैसा कुर्ता-पजामा व जैकेट में पहनकर आना होगा। एमपी की इतिहास में यह पहली बार होगा जब सभी विधायक एक जैसी ड्रेस में नजर आएंगें।
दरअसल, पहले सत्र अक्टूबर में किया जाना था लेकिन अब 17 दिसंबर से 23 दिसंबर तक होना है। ।बताया जा रहा है कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर उनकी याद में यह प्रयोग किया जा रहा है। अब आगामी सत्र में एक दिन गांधी जी को समर्पित हाेगा। इसमें उनके दर्शन व विचारों पर चर्चा की जा सकती है। उसी दिन सभी विधायक एक जैसी ड्रेस में दिखेंगे । नई ड्रेस के लिए विधायकों का नाप लिया जा रहा है। अगले कुछ दिनों में यह काम पूरा हो जाएगा। वस्त्र खादी या कोसा के होंगे।
छग की तर्ज पर लिया फैसला
छत्तीसगढ़ राज्य की तर्ज पर यह फैसला लिया गया है। छत्तीसगढ़ विधानसभा में विधायकों के लिए ड्रेस कोड का प्रयोग हो चुका है और अब एमपी में पहली बार हाे रहा है। हाल ही में छत्तीसगढ़ विधानसभा में गांधी जी की 150वीं जयंती पर 2 व 3 अक्टूबर को दो दिवसीय विशेष सत्र का आयोजन किया गया था। इसमें सभी पुरुष विधायक कोसे का कुर्ता-पजामा व जैकेट और महिला विधायक कोसे की साड़ी में सदन में पहुंची थीं।
विस मे सभी खादी पहन कर जाएंगे। अगर विस अध्यक्ष ने इस तरह की योजना बनाई है वो ठीक है लेकिन महात्मा गांधी के आदर्शों पर भी कांग्रेस चले। गांधी सरनेम लगाने से कुछ नही होता। शराब को बढ़ावा देने वाली सरकार गांधी के आदर्श की बात करती है।
विश्वास सांरग, विधायक, भाजपा