लोकसभा चुनाव के बाद आम जनता को बड़ा झटका लगने वाला है।खबर है कि चुनाव के बाद पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोत्तरी होने वाली है।अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी को देखते हुए संभावना जताई जा रही है कि चुनाव के बाद भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में तेजी से बढ़ोतरी हो सकती है।चुनाव खत्म होने के बाद अनुमान है कि क्रूड के दाम तेजी से बढ़ेंगे क्योंकि ऑयल कंपनियां मौजूदा स्थितियों में उठा रहे नुकसान की भरपाई करने की पूरी कोशिश करेंगी।
इंडस्ट्री के विशेषज्ञों के अनुसार ऑइल पीएसयू पेट्रोल और डीजल के खुदरा मूल्य में 3-5 रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी कर सकते हैं, लेकिन यह बढ़ोतरी चरणों में हो सकती है।वही एक्सपर्ट्स का कहना है कि तेल की कीमतों का बोझ उठा रही कंपनियां आखिरकार सारा बोझ उपभोक्ताओं के सिर पर डालेंगी।
दरअसल, जब भारत में कच्चे तेल की औसत कीमत क्रमशः 67 डॉलर प्रति बैरल और यूएसडी 71 प्रति बैरल के उच्च स्तर पर पहुंच गई, तब तेल कंपनियों ने मार्च और अप्रैल में दोनों ट्रांसपोर्ट फ्यूल को लगभग 5 रुपए प्रति लीटर और 3 रुपए प्रति लीटर की दर से बेचा।अगर पिछले ट्रेंड को देखें, तो पेट्रोल की कीमत 78 रुपए प्रति लीटर और डीजल की कीमत 70 रुपए प्रति लीटर से अधिक होनी चाहिए। 7 मई तक, दिल्ली में पेट्रोल और डीजल की कीमतें क्रमशः 73 रुपए और 66.66 रुपए रहीं। इन्हें कम से कम वैश्विक क्रूड की कीमतों में वृद्धि से मेल खाना चाहिए था या ऊपर जाना चाहिए था। यह बताता है कि उच्च क्रूड कीमतों को रोकने के कारण ऑइल मार्केटिंग कंपनियों को संभवतः नुकसान उठाना पड़ रहा है।वही सिंगापुर स्थित कंसल्टेंसी FGE में एशिया ऑइल के निदेशक श्री पार्विक्करसु के मुताबिक गैसोलीन और गैसोइल की खुदरा कीमतों में 6% या लगभग 4 रुपए की वृद्धि हुई होगी, क्योंकि उन्हें वैश्विक कीमतों के अनुसार वृद्धि की अनुमति दी गई थी।