नई दिल्ली| कर्नाटक में एक बार फिर राजनीती गरमा गई है, जिससे कांग्रेस में हड़कंप मच गया है| शनिवार को कांग्रेस और जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) की गठबंधन सरकार पर संकट के बादल छाते हुए नजर आ रहे हैं। कांग्रेस और जेडीएस के 11 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है। इनमें कांग्रेस के आठ और जेडीएस से तीन विधायक हैं। कर्नाटक संकट ऐसे समय पर सामने आया है जब सीएम कुमारस्वामी देश के बाहर हैं। राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद से ही उलझन से जूझ रही पार्टी के लिए अब कर्नाटक की स्तिथि को संभालना बड़ी चुनौती हो रहा है| दिल्ली में बैठकों का दौर चल रहा है|
ये विधायक विधानसभा स्पीकर से मिलने पहुंचे, लेकिन वे अपने ऑफिस में नहीं मिले, तो विधायकों ने इस्तीफें वहीं रख दिया। स्पीकर रमेश कुमार ने इसकी पुष्टि की है, लेकिन यह साफ नहीं हो सका है कि इस्तीफे मंजूर हुए या नहीं। अगर इनका इस्तीफा मंजूर हो जाता है तो कुमारस्वामी सरकार अल्पमत में आ जाएगी| उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार इन विधायकों को मनाने में जुटे हुए हैं|
कर्नाटक में सियासी संकट पर कांग्रेस की दिल्ली में इमरजेंसी मीटिंग हुई है, इस मीटिंग में गुलाम नबी आजाद, अहमद पटेल, आनंद शर्मा, मल्लिकार्जुन खड़गे, मुकुल वासनिक, ज्योतिरादित्य सिंधिया, पी चिदंबरम, दीपेंद्र हुड्डा शामिल हैं| इस बीच, भाजपा नेता येदियुरप्पा ने कहा है कि पार्टी की पूरे घटनाक्रम पर नजर है और जरूरत पड़ने पर वे संविधान के दायरे में रहकर सरकार बनाने की कोशिश करेंगे। येदियुरप्पा ने कहा कि जनता चुनाव के लिए तैयार नहीं है। वहीं दिल्ली में हुई बैठक के बाद पार्टी प्रवक्ता रणदीव सुरजेवाला ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि वह विधायकों की खरीद-फरोख्त कर रही है।
इन विधायकों ने दिया इस्तीफा
कांग्रेस के जिन विधायकों ने स्पीकर को अपना इस्तीफा सौंपा है, उनमें पूर्व गृह मंत्री और सात बार के विधायक रामलिंगा रेड्डी, रमेश जर्किलोही, महेश कुमाथहल्ली, एसटी सोमशेखर, बीए बसावराज, बीसी पाटिल, प्रतापगौड़ा पाटिल और शिवराम हेबर हैं। विधानसभा स्पीकर कार्यालय ने इस बात की पुष्टि की है। जबकि, जेडीएस के तीन विधायक हैं- एएच विश्वनाथ, जिन्होंने पिछले महीने पार्टी के राज्य अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया था। इसके अलावा, के. गोपालियाह और नारायण गौड़ा हैं।