आलमी तब्लीगी इज्तिमा का 72वां साल : 13 से हुई शुरूआत, तादाद पहुंची लाखों तक….!

भोपाल। राजधानी के पुराने इलाके में स्थित घाटी भड़भूंजा की चमेली वाली मस्जिद में बरसों पहले एक तब्लीगी जोड़ हुआ। गिनती के लोगों के साथ मौलाना मिस्कीन साहब की कयादत में यह शुरूआत हुई। इसके अगले बरस लोगों की तादाद में इजाफा हुआ तो मस्जिद शकूर खां (अब तब्लीगी जमात का मरकज) में वर्ष 1947 में महज तेरह लोगों के जुड़ाव के साथ इज्तिमा की शुरुआत हुई। उस समय ताजुल मसाजिद का निर्माण काम चल रहा था। ताजुल के मुकम्मल होने के बाद अगले वर्ष इज्तिमा यहाँ शिफ्ट हुआ और बरसों तक अपनी रुहानियत फैलाने का काम जारी रखा। जब यहाँ आने वालों की तादाद लाखों में पहुँच गई और मजमा ताजुल में समाने लायक नहीं रही तो वर्ष 2002 में इस मजलिस को ईंटखेड़ी ले जाया गया। अब यहाँ पहुँचने वालों की तादाद तेरह लाख पार कर चुकी है।

शुक्रवार से शुरू होने वाले आलमी तब्लीगी इज्तिमा में इस साल पहुंचने वालों की तादाद पन्द्रह लाख से ज्यादा उम्मीद की जा रही है। सैकड़ों एकड़ ज्यादा जगह में जमातियों के ठहरने के इंतेजाम किए गए हैं। जबकि पार्किंग के लिए 250 एकड़ से ज्यादा जगह में करीब 50 जोन बनाए गए हैं। रियायती दरों पर खानपान के इंतजाम भी यहां होंगे। शुक्रवार से शुरू होने वाले इज्तिमा के लिए जमातों का आना कई दिनों पहले से शुरू हो चुका है। यह फिलहाल शहर की विभिन्न मस्जिदों में कयाम किए हुए हैं। गुरूवार से इनका इज्तिमागाह पहुंचना शुरू हो जाएगा। जमातियों के इस्तकबाल के लिए रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड सहित कई स्थानों पर कैम्प लगाए गए हैं।


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