यहां “अमृत” बना ‘काल” कई लोगों की जा चुकी जान, निगम अफसरों को नहीं कोई फ़िक्र

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ग्वालियर। जनता को सुविधा देने के लिए शुरू की गई अमृत योजना लोगों के लिए काल बनती जा रही है। लापरवाह नगर निगम अफसरों ने पूरे शहर को  खोदकर डाल दिया अब बारिश के कारण लोग या तो गिरकर घायल हो रहे हैं या उनकी जान जा रही है। अभिषेक तोमर और अतुल बाथम की मौत के पहले भी तीन लोग “अमृत” के “काल”का शिकार हो चुके हैं।

ग्वालियर शहर में अमृत योजना के तहत करीब 400 करोड़ के काम चल रहे हैं जिसमें सीवर और पानी की लाइन बिछाने का काम मुख्य है। लेकिन निगम अफसरों का लापरवाह रवैया और ठेकेदारों की मनमानी ने शहर के लोगों के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है। शहर का कोई भी क्षेत्र ऐसा नहीं है जो इस समय अमृत की मार नहीं झेल रहा हो । माधव नगर, चेतकपुरी, विवेक विहार, बसंत विहार, सिटी सेंटर,पटेल नगर, विनय नगर, दीनदयाल नगर, महेश नगर कुछ कॉलोनियों के नाम हैं जो पॉश एरिया में गिने जाते हैं लेकिन निगम अफसरों की लापरवाही ने इन्हें बदहाल कर दिया है। खास बात ये है कि कई बार जनता ने यहाँ तक कि पार्षदों ने भी निगम कमिश्नर से अमृत योजना के कामों की शिकायत की लेकिन न तो पिछले कमिश्नर विनोद शर्मा ने कोई एक्शन लिया और न ही वर्तमान कमिश्नर संदीप माकिन ले रहे हैं। एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ भी अमृत योजना के कामों की हकीकत उजागर कर चुका है और नगर निगम प्रशासन को चेता चुका है। 7 फरवरी 2019 को हमने अमृत योजना के गड्ढों में घायल होते लोगों की खबर दिखाई थी लेकिन लापरवाह नगर निगम अफसरों के कान पर जूं तक नहीं रेंगी। उअके बाद लगातार शहर में कई घटनाएँ हुई । कहीं सड़क में वाहन धंस गए, कहीं लोग फिसल कर गिर गए तो कहीं लोग गड्ढों में गिरकर मर गए।


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