देवास।
मध्यप्रदेश की 8 लोकसभा सीटों पर भाजपा ओर कांग्रेस ने प्रचार प्रसार के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में लोकसभा क्षेत्र देवास-शाजापुर क्षेत्र के अंतर्गत भाजपा को शाजापुर, कालापीपल, सोनकच्छ व हाटपीपल्या सीटें गवांना पडा। 4 सीटों पर हार से भाजपा ने इस लोकसभा चुनाव में जीत हासिल करने के लिए गुजरात से मोदी-शाह की टीमों ने भी डेरा डाल दिया है, ये टीमें लोकसभा क्षेत्र की उन विधानसभा सीटों पर ज्यादा ध्यान दे रही हैं, जहां उसे विधानसभा चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा या जहां भाजपा के वोटों में कमी आई।
गुजरात से आई इस टीम में एक सांसद, दो विधायक एवं भाजपा के संगठन मंत्री, भाजयुमो प्रदेश उपाध्यक्ष, जिला महामंत्री स्तर के करीब 20 नेता शामिल हैं। ये सभी नेता अलग-अलग हिस्सों में शाजापुर, शुजालपुर, कालापीपल, आगर, देवास, सोनकच्छ, हाटपीपल्या एवं आष्टा में जमकर प्रचार में जुटे हुए हैं| ये नेता रणनीति बनाकर एक विधानसभा से दूसरी विधानसभा में जा रहे हैं और बूथ लेवल तक की मॉनिटरिंग कर रहे हैं।
विधानसभा चुनावो में नुकसान उठा चुकी है भाजपा
बीते लोकसभा चुनाव में भाजपा ने देवास सीट पर लगभग ढाई लाख वोटों से जीत दर्ज की थी एवं सात माह पहले संपन्न हुए विधानसभा चुनावो के पहले देवास संसदीय क्षेत्र की आठों विधानसभा सीटें भी भाजपा के पास थी लेकिन हाल ही में सपन्न हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा के हाथ से शाजापुर, कालापीपल, सोनकच्छ व हाटपीपल्या सीटों पर कांग्रेस ने कब्जा छीन लिया है । जहां एक ओर शाजापुर सीट पर बड़े अंतर से हार का सामना करना पड़ा तो वही आगर सीट पर लगभग 25 हजार वोट कांग्रेस के खाते में चला गए। कालापीपल, सोनकच्छ व हाटपीपल्या सीटों पर भी हजारों वोटों से हार का सामना करना पड़ा। यही वजह है कि भाजपा यहां कोई रिस्क नहीं लेना चाहती। इसलिए गुजरात से विशेष नेताओं के दल को जीत के लिए यहां बुलाया गया है। टीम के पास चुनावी मैनेजमेंट का लंबा अनुभव है। विधानसभा चुनाव के दौरान भी टीमें शाजापुर व आगर जिले की पांचों विधानसभाओं में आई थी तब भाजपा को तीन सीटों पर हार का सामना करना पड़ा । अब इस लोकसभा चुनाव में यह टीम क्या कमाल दिखाएगी यह तो परिणाम आने के बाद ही पता चलेगा।