आगर मालवा| अतिवृष्टि से हुई फसल नुकसानी का मुआवजा दिलाने के लिए रिश्वत की मांग करना महिला पटवारी को महंगा पड़ गया| उज्जैन लोकायुक्त ने किसान से रिश्वत लेते हुए पटवारी को रंगेहाथों गिरफ्तार कर लिया| मुआवजे के लिए रिश्वतखोरी का पहला मामला जिले में सामने आया है| लोकायुक्त की टीम में डीएसपी ठाकुर के साथ टीआई राजेन्द्र वर्मा एवं पारसकुमार, रमेश डावर व दो महिला आरक्षक सहित आठ सदस्य शामिल थे।
जानकारी के मुताबिक उज्जैन लोकायुक्त ने बड़ी कार्रवाई करते हुवे बडौद तहसील की महिला पटवारी पूनम मारू को 2000 की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों ट्रेप किया है । महिला पटवारी आगर की मूलनिवासी है। फरियादी सुजानसिंह निवासी रलायती बड़ौद की शिकायत के बाद लोकायुक्त टीम ने योजना बनाई। लोकायुक्त पुलिस ने किसान सुजान सिंह को सुबह उज्जैन बुला लिया था। टीम उसे साथ लेकर आगर पहुंची और पटवारी के घर से कुछ दूरी पर छोड़ दिया। किसान ने 2 हजार रुपए की राशि दी तो पटवारी ने लेकर दीवान के ऊपर रख दी। सुजान सिंह का इशारा मिलते ही लोकायुक्त टीम ने कार्रवाई की| लोकायुक्त पुलिस अपने साथ दो महिला आरक्षक सीमा व सुषमा को साथ लेकर आई थी। पुलिस ने राशि जब्त करने के बाद सारी कार्रवाई पूरी की।
लोकायुक्त की टीम ने जब पटवारी के हाथ धुलाए तो पानी लाल हो गया। रिश्वत में लिए 100-100 के 15 और 500 का एक नोट जब्त किया गया। नोट के नंबर पहले से लोकायुक्त पुलिस ने दर्ज कर रखे थे। फरियादी सुजानसिंह के अनुसार मुआवजे के करीब 40 हजार रुपए दिलाने के लिए पटवारी ने तीन हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी। एक हजार रुपए पहले दे दिए थे। मुआवजे की राशि 36 हजार 900 रुपए मिल गई। दो हजार रुपए सोयाबीन बेचकर देने की बात हुई थी। इसी बीच मेरे पुत्र के स्कूल से जाति प्रमाण मांगा गया, जिसे बनवाने के लिए पटवारी के पास गया। उन्होंने कहा कि बकाया रिश्वत राशि दो तभी मैं रिकॉर्ड में से नंबर दूंगी। इस पर मैंने उज्जैन जाकर लोकायुक्त में शिकायत दर्ज कराई।