भोपाल/सागर।
सागर की पूर्व किन्नर महापौर कमला बुआ का गुरुवार को निधन हो गया। कमला बुआ की उम्र 65 थी।बताया जा रहा है कि वे काफी लंबे समय से अस्वस्थ चल रही थीं।वह मोटोपे से परेशान थीं और इलाज के बाद इंफेक्शन की शिकायत के बाद सागर के निजी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था।किन्नर कमला बुआ के निधन की खबर लगते ही पूरे देश से किन्नरों का सागर पहुंचना शुरू हो गया है। किन्नर कमला बुआ का अंतिम संस्कार किन्नर विधि विधान से होगा।
बुआ के निधन से पूरे प्रदेश में शोक की लहर है।भाजपा और कांग्रेस दोनों दल के नेताओं ने कमला बुआ के निधन पर शोक व्यक्त किया है।पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने सागर की पूर्व महापौर किन्नर कमला बुआ के निधन पर शोक जताया है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति दे। शोकाकुल परिवार को गहन दुख सहन करने की शक्ति दे। पूर्व महापौर किन्नर कमला बुआ को विनम्र श्रद्धांजलि।
बुआ का राजनैतिक करियर…
सागर किन्नर समाज में किन्नर कमला बुआ के महान नाम है। किन्नर समाज को उनके अधिकार दिलाने से लेकर राजनीति तक में किन्नर कमला बुआ का विशेष योगदान रहा है। वैसे तो हर एक शख्स किन्नर कमला बुआ से परिचित था, लेकिन 2009 में उस वक्त एकाएक किन्नर कमला बुआ का नाम देश भर में सुर्खियों में आ गया, जब किन्नर कमला बुआ ने सागर महापौर पद के लिए नामांकन दाखिल किया।
बुआ ने राजनीति में पैर रखते ही एक अलग पहचान बनाई थी। दिसंबर 2009 में हुए नगर निगम चुनाव में सागर महापौर का पद अनुसूचित जाति की महिला वर्ग के लिए आरक्षित किया गया था। चुनाव में किन्नर कमला बुआ निर्दलीय उम्मीदवार थीं। उनका चुनाव चिन्ह था चाबी। उन्होंने नामांकन पत्र में स्वयं को कोरी अनुसूचित जाति का बताया था, लिंग के स्थान पर स्वंय को स्त्री लिखा था। चुनाव में उन्हें लगभग 65 हजार वोट मिले थे व भाजपा उम्मीदवार को उन्होंने लगभग 40 हजार मतों के अंतर से हराया था। कांग्रेस की वर्तमान नगर कांग्रेस अध्यक्ष रेखा चौधरी की जमानत जब्त हो गई थी।
चुनाव जीतने के बाद कमला बुआ ने सत्ताधारी भाजपा का दामन थाम लिया था। उन्होंने भाजपा की सदस्यता ले ली थी। जिसके बाद चुनाव प्रक्रिया को भाजपा उम्मीदवार सुमन अहिरवार ने चुनौती दी थी और दो साल बाद सागर जिला अदालत ने उनका निर्वाचन खत्म कर दिया गया था।इसके अलावा वह सागर अधिकार मंच की उपाध्यक्ष भी रहीं।