भोपाल। प्रदेश की कांग्रेस सरकार शुरू से ही अजीब-गरीब फैसलों के लेकर चर्चा में हैं। बेरोजगारी दूर करने के लिए पहले सरकान ने युवाओं को ढोर (पशु) चराना और बैंड-बाजे का प्रशिक्षण देने का फैसला लिया था। जिसको लेकर सरकार की देशभर में ख्ूाब किरकिरी हुई। अब सरकार बेरोजगारों से खेती कराने जा रही है। इसके लिए बेरोजगारों को बाकायदा सरकारी जमीन दी जाएगी। जिस पर वे उद्यानिकी फसलें उगा सकेंगे। सरकार का यह फैसला किसी के गले नहीं उतर रहा है। क्योंकि खेती में घाटा होने की वजह से लोग ग्रामीण क्षेत्र से बड़े शहरों की ओर से तेजी से पलायन कर रहे ह्रैं।
मुख्यमंत्री कमल नाथ ने ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगार युवकों को रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में खाली पड़ी सरकारी जमीन पर उद्यानिकी फसलों के लिए उपयोग का अधिकार देने का प्रारूप बनाने के निर्देश दिए हैं। नाथ ने पंचायत विभाग की बैठक में अफसरों से ग्रामीण क्षेत्र में खाली पड़ी जमीन का डाटा एकत्रित करने को कहा। खास बात यह है कि खेती करने के लिए बेरोजगारों को न्यूनतम किराए पर 3 या 5 साल के जमीन दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं को शासकीय भूमि उपयोग का अधिकार देकर उन्हें बड़े पैमाने पर रोजगार उपलब्ध करवाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस भूमि पर मालिकाना हक सरकार का होगा।