भोपाल। कांग्रेस को सत्ता में वापसी कराने में कर्जमाफी की घोषणा का अहम योगदान रहा है, लेकिन लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को इसी कर्जमाफी की वजह से नुकसान उठाना पड़ सकता है। विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस को ग्रामीण क्षेत्र से भाजपा की अपेक्षा ज्यादा वोट मिले थे, लेकिन लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को ग्रामीण क्षेत्र में नुकसान झेलना पड़ सकता है। जिसकी वजह यह है कि कांग्रेस कर्जमाफी के मुद्दे को जनता में भुना नहीं पाई, जबकि भाजपा किसानों के बीच कर्जमाफी के मुद्दे पर कांग्रेस को घेरने में कामयाब होती दिख रही है।
भाजपा ने चुनाव में कर्जमाफी को बड़ा मुद्दा बनाया। कर्जमाफी के नाम पर कांग्रेस पर किसानों को गुमराह करने के आरोप भी लगाए। प्रद्रेश में तीसरे चरण के मतदान के पहले कर्जमाफी को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहाहन एवं कांग्रेस आमने-सामने आए गए। शिवराज ने कर्जमाफी को लेकर बैंक द्वारा किसानों को दिए गए नोड्यूज दिखाने की मांग की, जबकि कांग्रेस किसानों की सूची लेकर शिवराज के घर पहुंची। कर्जमाफी पर सियासी ड्रामा अभी थमा नहीं है, लेकिन चुनाव में कांग्रेस को नुकसान होता दिख रहा है। तीसरे चरण की मुरैना, भिंड, ग्वालियर, गुना, राजगढ़ संसदीय क्षेत्र में कर्जमाफी नहीं होने से किसान नाराज दिखे।