भोपाल।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के जन्मदिन पर कांग्रेस की प्रदेश इकाई द्वारा सोमवार को जारी किया गया विज्ञापन विवादों में आ गया है। विज्ञापन को लेकर प्रदेशभर में सियासत हो रही है।सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक सरकार और कांग्रेस की किरकिरी हो रही है।बढ़ते सियासी बवाल को देखते हुए कांग्रेस ने इसकी जांच करवाने की बात कही । कांग्रेस का कहना है कि ये विज्ञापन उन्होंने जारी नही किया है। जनसंपर्क मंत्री पी सी शर्मा का कहना है, विज्ञापन एजेंसी ने विज्ञापन छापा है। इसके पीछे एजेंसी की ग़लती लगती है, उस ग़लती को सुधार कर मंगलवार को फिर से विज्ञापन छापा गया है।वही बीजेपी ने इसे षड्यंत्र करार दिया है।
दरअसल, 18 नवंबर को मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के जन्मदिन पर पीसीसी की तरफ से अखबारों में सांसद से मुख्यमंत्री तक का सफर लेकर एक विशेष विज्ञापन जारी किया गया था। विज्ञापन में बताया गया है कि दिग्विजय के समर्थन के बाद कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनने का मौका मिला है। विज्ञापन में लिखा हैं कि 1993 में भी कमलनाथ के मुख्यमंत्री बनने की चर्चा थी,लेकिन तब अर्जुन सिंह ने दिग्विजय सिंह का नाम आगे कर दिया था। इससे कमलनाथ उस समय सीएम बनने से चूक गए थे। अब 25 साल बाद दिग्विजय के समर्थन के बाद उन्हें मुख्यमंत्री बनने का मौका मिला है। विज्ञापन में कहा गया है। वर्ष 1993 में भी कमलनाथ के मुख्यमंत्री बनने की चर्चा थी। बताया जाता है कि तब अर्जुन सिंह ने दिग्विजय सिंह का नाम आगे कर दिया था। कमलनाथ उस समय मुख्यमंत्री बनने से चूक गए थे। अब दिग्विजय सिंह के समर्थन के बाद उन्हें मुख्यमंत्री बनने का मौका मिला है।इसके अलावा इसमें बताया गया है कि छिंदवाड़ा से कमलनाथ को 1996 में हार का सामना करना पड़ा था। उस समय उन्हें सुंदरलाल पटवा ने चुनाव मैदान में पटखनी दी थी। वही आपातकाल के बाद 1979 में जनता पार्टी की सरकार के दौरान संजय गांधी को एक मामले में कोर्ट ने तिहाड़ जेल भेज दिया था, तब संजय की मां इंदिरा गांधी उनकी सुरक्षा को लेकर चिंतित थीं, कहा जाता है कि तब कमलनाथ जान-बूझकर एक जज से लड़ पड़े और जज ने उन्हें सात दिन के लिए तिहाड़ भेज दिया, वहां वो संजय गांधी के साथ ही रहे।
इसको लेकर सरकार और कांग्रेस की जमकर किरकिरी हो रही है।बीजेपी इस पर जमकर तंस कस रही है।हालांकि विज्ञापन को लेकर कांग्रेस ने स्पष्ट कर दिया है कि इसे कांग्रेस ने नहीं जारी किया है। पीसीसी के संगठन प्रभारी उपाध्यक्ष चंद्रप्रभाष शेखर ने कहा कि पीसीसी इसकी जांच कराएगी। वही जनसंपर्क मंत्री पी सी शर्मा का कहना है, विज्ञापन एजेंसी ने विज्ञापन छापा है। इसके पीछे एजेंसी की ग़लती लगती है। उस ग़लती को सुधार कर मंगलवार को फिर से विज्ञापन छापा गया है, जो भी इस गड़बड़ी में शामिल है,उन पर कार्रवाई की जाएगी।
PCC का कोई दोष नहीं या षड्यंत्र था: बीजेपी
इस विज्ञापन पर बीजेपी ने चुटकी ली है। भाजपा प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने ट्वीट कर एक के बाद एक बीजेपी पर तंज कसे है। रजनीश का कहना है कि मुख्यमंत्री कमलनाथजी के जन्मदिन पर मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी भोपाल द्वारा 18 नवंबर को एक विज्ञापन प्रकाशित कराया गया जो विवादित हुआ। आज के विज्ञापन के माध्यम से यह तय हो गया कि वह विज्ञापन मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी का ही था गलती एजेंसी ने की थी। वही उन्होंने अगले ट्वीट में लिखा है कि अब तक पीसीसी के नेता नकारते रहे कि यह उनका विज्ञापन है। साजिश बीजेपी की बता रहे थे। अब स्वयं विज्ञापन देकर एजेंसी पर दोष मढ़ रहे हैं। क्या एजेंसी ने मुख्यमंत्री कमलनाथ जी का दुष्प्रचार करने का काम किया है ? जब विज्ञापन एमपीसीसी का ही था तो क्या जिम्मेदार पदाधिकारियों ने नहीं देखा था ।आगे रजनीश ने लिखा है कि यह पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ के लिए इससे शर्मनाक क्या हो सकता है कि आज बाकायदा विज्ञापन जारी कर कहा जा रहा है कि एजेंसी की त्रुटि है,विज्ञापन दाता की नहीं ? एजेंसी का दुस्साहस इतना कि मुख्यमंत्री के बारे में दुष्प्रचार कर दे वह भी पीसीसी के नाम पर।पीसीसी का कोई दोष नहीं ? या षड्यंत्र था ? त्रुटि या दुष्प्रचार ?