भोपाल| मध्य प्रदेश से मानसून रूठ गया है, कुछ दिनों की बारिश के बाद अब फिर से उमस ने बेहाल कर दिया है, किसान आसमान की ओर टकटकी लगाए बारिश का इन्तजार कर रहे हैं, वहीं प्रदेश के लोग बारिश की दुआ कर रहे हाँ| मौसम के इस बदलाव से मौसम विभाग भी हैरान है, देश में पूरी तरह से छाने के पहले ही मप्र में मानसून ब्रेक होने से मौसम विज्ञानी भी हतप्रभ हैं। विज्ञानियों का कहना है कि अक्सर ऐसी स्थित अगस्त के मध्य में बनती है,लेकिन जुलाई में संभवतः पहली बार बरसात का दौर अचानक थमा है।
मौसम विज्ञानी इसे मानसून ब्रेक बता रहे हैं। इसकी एक वजह मानसून के पहले सिस्टम(कम दबाव का क्षेत्र) के ग्वालियर तक पहुंचने के बाद राजस्थान की बजाए उत्तरप्रदेश की तरफ जाना भी है। दूसरी वजह जलवायु परिवर्तन भी बताई जा रही है। मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक वर्तमान में प्रदेश में कोई भी मानसूनी सिस्टम नहीं है। इस वजह से बरसात का दौर फिलहाल थम गया है। अभी 3-4 दिन तक अच्छी बरसात होने की संभावना भी नहीं दिख रही। 18-19 जुलाई को बंगाल की खाड़ी में एक कम दबाव का क्षेत्र बनने के संकेत मिल रहे हैं। इस सिस्टम के आगे बढ़ने पर एक बार फिर मानसून के सक्रिय होने की संभावना है।
जुलाई में एक सप्ताह अच्छी बारिश के बाद मानसून द्रोणिका वर्तमान में हिमालय की तराई में पहुंच गई है। ऐसी स्थिति को मानसून ब्रेक माना जाता है। मानसून ब्रेक की स्थिति अमूमन अगस्त माह में बनती है,लेकिन इस बार जुलाई के पहले सप्ताह में ही मानसून ब्रेक हुआ है। इस बार बंगाल की खाड़ी से आगे बढ़ा कम दबाव का क्षेत्र मानसून की आमद का कारण बना था। इस सिस्टम से पूरे प्रदेश में अच्छी बरसात हुई। लेकिन ग्वालियर के बाद यह सिस्टम राजस्थान की तरफ जाने के बजाए उत्तरप्रदेश की तरफ बढ़ गया। इससे राजस्थान में अभी तक मानसून पूरी तरह नहीं छा पाया है। साथ ही मप्र में भी बरसात का दौर थम गया।
मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले 24 घंटों में यानि सोमवार 15 जुलाई 2019 को इंदौर, धार, खंडवा, खरगौन, अलीराजपुर, झाबुआ, बडवानी,बुरहानपुर, भोपाल, रायसेन, सीहोर,उज्जैन,शाजापुर, देवास, होशंगाबाद, बैतूल, हरदा, जबलपुर, मंडला, बालाघाट,छिंदवाडा, सिवनी,रीवा और डिंडोरी जिलों में कहीं कही हल्की बौछार पड़ सकती है, लोकल सिस्टम बारिश करा सकता है|