यहां गुटबाजी और खेमाबंदी ने बिगाड़े बीजेपी-कांग्रेस के समीकरण, पूर्व मंत्री दिखा रहे ताकत

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मंदसौर ( तरुण राठौर)। किसान आंदोलन के बाद प्रदेश की राजनीति का केंद्र बने मंदसौर में लोकसभा चुनाव के चलते इस संसदीय सीट पर सभी की निगाहें हैं| बीजेपी ने मंदसौर लोकसभा सीट से अपने मौजूदा सांसद सुधीर गुप्ता को फिर से मैदान में उतारा है, जबकि कांग्रेस ने एक बार फिर मीनाक्षी नटराजन को प्रत्याशी बनाया है| मीनीक्षी कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गाँधी की भरोसेमंद नेता मानी जाती है| लोकसभा चुनाव के मतदान में चार दिन ही शेष है। ऐसे में शहर से लेकर अंचल तक में मतदाताओं की चुप्पी चर्चा में है। कि इस बार इस संसदीय क्षेत्र से कौन बाजी मारेगा। वही दोनों ही प्रमुख पार्टी भाजपा और कांग्रेस के प्रचार का शोर जरूर दिखाई और सुनाई दे रहा है। इधर गुटबाजी के चलते दोनों ही प्रमुख पार्टियों की हालात खराब है। किन्तु सबसे ज्यादा भाजपा की। वह भी जबकी इस संसदीय क्षेत्र की 8 विधानसभा में से 7 विधानसभा पर भाजपा काबिज है। उसके बाद भी भाजपा की विधानसभावार हालत  निराशाजनक है। लेकिन इस बार पूर्व मंत्री नरेंद्र नाहटा सहित पूर्व विधायक स��भाष सुजोतिया जैसे कांग्रेसी नेता अपने क्षेत्र में सक्रिय नजर आ रहे है। जिसके चलते गुटबाजी छबि के तौर पर पहचाने जाने वाली कांग्रेस की छबि में कुछ सुधार जरूर आया है। लेकिन शहर से अंचल तक में इस लोकसभा चुनाव में कांग्रेस से ज्यादा भाजपा गुटबाजी खेमाबन्दी की चर्चाओं का दौर जारी है | चौक से लेकर चौपाल तक भाजपा में इस बार जो गुटबाजी ओर खेमाबन्दी खुल कर समाने आ रही है उसको देखते हुए कांग्रेस- भाजपा पर लीड लेती नजर आ रही है।



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