भोपाल। कर्नाटक में गहराते राजनीतिक संकट के बीच मप्र के मुख्यमंत्री कमलनाथ पार्टी के अन्य नेताओं के साथ आज वहां जाने वाले थे। लेकिन उनका दौरा निरस्त हो गया है। वे आज दिल्ली में ही हैं। उन्होंने कर्नाटक के हालात को लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से चर्चा की है। कमलनाथ दिल्ली में रहकर कर्नाटक मामले पर नजर बनाये हुए हैं साथ मध्य प्रदेश के मामले पर भी नेताओं से चर्चा कर रहे हैं, वहीं कर्नाटक के संकट से उभारने के प्रयासों में जुटे हुए हैं| इस बीच ऐसी सुगबुगाहट भी है कि जरुरत पढ़ने पर वे अचानक कर्नाटक पहुँच सकते हैं|
पार्टी हाईकमान की ओर से कर्नाटक में नेताओं के बीच सुलह कराने के लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ को भेजा जा रहा था। वे शनिवार को दिल्ली में पहुंच गए। जहां उन्होंने देर शाम और आज सुबह वरिष्ठ नेताओं से चर्चा की। इसके बाद उनका कर्नाटक दौरा अचानक निरस्त हो गया। कमलनाथ गांधी परिवार के करीबी माने जाते हैं| राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद पार्टी पहले ही मुश्किल दौर से गुजर रही है, ऐसे हालातों मे कांग्रेस को कर्नाटक और गोवा में बड़ा झटका लगा है| जल्द ही पार्टी इस संकट से सुलझना चाहती है, ताकि नए राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर भी फैसला हो सके| इससे पहले मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कर्नाटक और गोवा के सियासी संकट के बीच भोपाल में सभी विधायकों को एक साथ डिनर पर लाकर एकजुटता का सन्देश देने की कोशिश की है| जिसके चलते देश भर में यह सन्देश गया कि बीजेपी के दावों से दबाव में न आते हुए भी सरकार मजबूती से चल रही है| इससे कमलनाथ पर हाई कमान का भरोसा बढ़ा है, इसीलिए अब उन्हें कर्नाटक में स्तिथि संभालने का जिम्मा सौंपा गया है| हालाँकि तेजी से बदलते राजनीतिक घटनाक्रम के बीच स्तिथि को संभाल पाना चुनौती होगी| वे अभी दिल्ली में बैठकर अपने मैनेजमेंट के जरिये पार्टी को संकट से उभारने के प्रयास कर रहे हैं| इस मामले को लेकर वे कांग्रेस के सभी बड़े नेताओं से लगातार संपर्क में है|
लौटकर लेंगे विधायक दल की बैठक
दिल्ली में बैठकर कमलनाथ मध्य प्रदेश के घटनाक्रमों पर भी नजर बनाये हुए हैं| दिल्ली में रहते हुए सीएम कई मामलों पर वरिष्ठ नेताओं से चर्चा कर सकते हैं| वहीं कमलनाथ ने 17 जुलाई को विधायक दल की बैठक बुलाई है| यह दस दिनों में दूसरी बैठक है, इस बीच एक डिनर पार्टी भी हो चुकी है| सरकार को आशंका है कि सदन में बजट पर चर्चा के बाद विपक्ष फ्लोर टेस्ट की मांग कर सकता है। इसलिए कांंग्रेस ने विधायक दल की बैठक बुलाई है ताकि आगे की रणनीति पर चर्चा की जा सके। सरकार विपक्ष को किसी तरह का मौका नहीं देना चाहती है इसलिए अपने सभी विधायकों को सदन में मौजूद रहने के भी निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री आवास पर होने वाली इस बैठक के साथ विधायकों के लिए डिनर का इंतजाम भी किया गया है।
कर्नाटक में तेजी से बदलता घटनाक्रम
कर्नाटक में कांग्रेस, बीजेपी और जेडीएस तीनों ही पार्टियां इस वक्त अपने विधायकों को छुपाने में जुटी हुई है, पहले कांग्रेस ने विधायकों को रिजॉर्ट में ठहराया था अब बीजेपी को भी चिंता सता रही है कि कहीं सत्ता पक्ष उसके विधायकों को न तोड़ ले| बीजेपी की ये चिंता तब और बढ़ गई जब सीएम कुमारस्वामी ने कहा कि वह फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार हैं| इसके बाद बीजेपी नेअपने विधायकों को बेंगलुरु के नजदीक रामदा रिजॉर्ट में शिफ्ट कर दिया है| सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक विधानसभा के स्पीकर को मंगलवार तक बाग़ी विधायकों के इस्तीफ़े या उनके निलंबन पर किसी भी तरह का फ़ैसला लेने पर रोक लगा दी है। लेकिन इसी बीच मुख्यमंत्री कुमारास्वामी ने सदन में ये कहकर सबको चौंका दिया कि वो विश्वासमत हासिल करने को तैयार हैं। उनके इतना कहते ही बीजेपी ने अपने विधायकों को होटल में भेजने का फ़ैसला किया ताकि उन्हें खरीद फ़रोख्त से बचाया जा सके।