ज़बलपुर
उपभोक्ता फोरम ने लंबी सुनवाई के बाद एक मामले में शहर की प्रसिद्ध अस्पताल जबलपुर हॉस्पिटल के विरूद्ध लापरवाही बरतने के चलते डेढ़ लाख रूपए का हर्जाना और दावा दिनांक से भुगतान दिनांक तक 8 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से ब्याज भुगतान करने का आदेश दिया गया है।
परिवादी श्री हरी पंजवानी ने जबलपुर हॉस्पिटल के विरूद्ध इस आशय का परिवाद दायर किया था कि उन्हें वर्ष 2005 में एक्यूट रेनल फेल्योर की तकलीफ के बाद जबलपुर हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था। आईसीयू में भर्ती करने के दौरान उन्हें यूरिन कैथेटर डालते समय उक्त कार्य एक कंपाउंडर से करवाया गया था। जबकि यह कार्य एक प्रशिक्षित डॉक्टर के द्वारा किया जाना चाहिए। कैथेटर डालते समय लापरवाही बरतने के कारण पेशाब की नली में अंदरूनी चोट अा गई जिससे कुछ माह के बाद पेशाब का रास्ता पूरी तरह से बंद हो गया। परिवादी को इलाज के साथ घोर कष्ट भी झेलना पड़ा। तब वर्ष 2007 में
माननीय न्यायालय के समक्ष यह परिवाद पेश करना पड़ा। 12 वर्ष के लंबे कानूनी विवाद के बाद अब उपभोक्ता माननीय फोरम ने दोनों पक्षों की दलीलों पर विचार कर आज परिवादी के पक्ष में फ़ैसला सुनाया है।